बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकाससरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 अर्थशास्त्र - आर्थिक संवृद्धि एवं विकास - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मानवीय साधनों में विनियोग कितने मदों में किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मानवीय साधनों में विनियोग तीन मदों पर किया जाता है।
1. स्वास्थ्य और पोषण ( Health and Nutrition ) - एक स्वस्थ जनशक्ति विकासशील देशों के लिए एक बहुत बड़ा धन है क्योंकि उसके द्वारा अधिक मात्रा में प्रतिव्यक्ति उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बुरा स्वास्थ्य और अल्प पोषण जनशक्ति की किस्म पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। अल्पविकसित देशों में लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है तथा वे अल्प पोषण से पीड़ित हैं और इसलिए जनशक्ति की किस्म बहुत घटिया है। भारत में लोगों को औसत भोजन 1900 से 2000 कैलोरी मिल पाता है जबकि उन्हें कम से 3000 कैलोरी प्रतिदिन मिलना चाहिए। इसके अतिरिक्त लोगों के भोजन में प्रोटीन की भी बहुत कमी है। डॉक्टरी सुविधाओं के कारण बीमारियों का प्रकोप बहुत अधिक है जिसके कारण श्रमशक्ति को कुशलता बहुत कम हो जाती है। इन देशों में जनशक्ति की किस्म में सुधार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम यह किया जाना चाहिए कि लोगों को पर्याप्त तथा अच्छे पोषण वाला भोजन दिया जाये, जन सफाई का अधिक अच्छा प्रबन्ध तथा डाक्टरी सुविधाओं का विस्तार किया जाये। इन मदों पर किये जाने वाले प्रत्येक व्यय को मानवीय विनियोग की एक महत्त्वपूर्ण किस्म समझी जानी चाहिए क्योंकि वह लोगों की कुशलता तथा उत्पादकता में वृद्धि करने की प्रवृत्ति रखता है।
2. शिक्षा और प्रशिक्षण (Education and Training) - शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुभवी जनशक्ति की काम करने की योग्यता और कुशलता को बढ़ाते हैं और इसलिए वे मानवीय पूँजी निर्माण के महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं। जनशक्ति का प्रभावपूर्ण प्रयोग लोगों की शिक्षा, प्रशिक्षण और औद्योगिक अनुभव पर निर्भर होता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के एक अध्ययन के अनुसार, “सबसे अधिक प्रगति उन देशों में होगी जहाँ पर शिक्षा विस्तृत होती है और जहाँ पर वह लोगों में प्रयोगात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है।' सारांश यह है कि शिक्षा में किया हुआ विनियोग जनशक्ति की उत्पादकता को बढ़ाकर आर्थिक विकार की दर को तेज कर सकता है। प्रो० सिंगर (H. W. Singer ) के अनुसार, शिक्षा में किया गया निवेश विनियोग बहुत अधिक उत्पादक ही नहीं होता है बल्कि वह बढ़ता हुआ प्रतिफल भी देता है क्योंकि कुशल तथा शिक्षित व्यक्तियों का सहयोग से काम करता हुआ दल उन व्यक्तियों के समूह से अधिक उपयोगी होता है जिनसे कि वह मिलकर बनता है।'
विकसित देशों के विकास के संदर्भ में किए गए अध्ययन इस बात को दिखलाते हैं कि विकास को केवल एक भाग ही भौतिक पूँजी में विनियोग की वृद्धि तथा जनशक्ति की वृद्धि का परिणाम है। इन देशों के विकास का काफी बड़ा भाग उत्पादकता में वृद्धि कर नतीजा मालूम पड़ता है जो अधिकांश रूप से शिक्षा के विकास, अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण का परिणाम है। तकनीकी प्रगति आर्थिक विकास का आधारभूत निर्धारक है और वह स्वयं उच्च शिक्षा तथा प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता पर निर्भर होता है। सोलो (Robert Solow) के अनुमान के अनुसार तकनीकी परिवर्तन अमरीका की अर्थव्यवस्था के विकास के 2/3 के लिए जिम्मेदार है। इस प्रकार शिक्षा का विकास तकनीकी परिवर्तन की एक पूर्व शर्त है और सभी स्तरों पर शिक्षा का विस्तार अल्पविकसित देशों में आर्थिक विकास की एक पूर्व शर्त है। व्यक्ति के लिए शिक्षा एक उपभोग की वस्तु हो सकती है किन्तु अर्थव्यवस्था के विकास की दृष्टि से वह एक विनियोग की वस्तु है क्योंकि वह उत्पत्ति के साधन के रूप में लोगों की कुशलता को बढ़ाती है। प्रो० गालब्रेथ शिक्षा को आर्थिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक मानते हैं। उनके अनुसार, 'लोकप्रिय शिक्षा कुछ लोगों की नहीं बल्कि बहुत से लोगों की शक्तियों को विमुक्त करती है और वह तकनीकी ज्ञान का रास्ता खोलती है... लोकप्रिय शिक्षा लोगों के मस्तिष्कों को नये तरीकों और नये तकनीकों के लिए खोलती है जिसे और किसी तरीके से नहीं खोला जा सकता है। शिक्षित व्यक्ति ही मशीनों को प्राप्त करने की आवश्यकता अनुभव करेंगे। शिक्षा के विकास के लिए यह आवश्यक है कि स्कूलों, कॉलेजों, शिक्षकों, उपकरणों और किताबों के रूप में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए काफी विनियोग किया जाये। प्रो० सिंगर ने यह अनुमान लगाया है कि आर्थिक प्रगति को स्वचालित करने के लिए एक देश को अपनी राष्ट्रीय आय का कम से कम 7 से 8 प्रतिशत तक शिक्षा पर विनियोग करना चाहिए जिसमें से 1.5 से 2 प्रतिशत, अनुसन्धान और विकास पर तथा 0.5 प्रतिशत वैज्ञनिक लोगों के प्रशिक्षण पर व्यय होना चाहिए।
उच्च शिक्षा भी आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उसका परिणाम उच्च प्रशिक्षण वाली तकनीकी जन शक्ति, वैज्ञानिकों तथा अनुसन्धान उन्मुख लोगों की पूर्ति को बढ़ाने का होता है। वह समाज में नव प्रवर्तनों तथा तकनीकी प्रगति के लिए आधार तैयार करती है। यह उच्च श्रेणी जनशक्ति के विकास के लिए आवश्यक है। अल्पविकसित देशों में उच्च शिक्षा की सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए यदि उनके आर्थिक विकास की प्रक्रिया को तेज करना है।
3. मकानों की सुविधाओं का विकास ( Housing Development) - मानवीय विनियोग का दूसरा महत्त्वपूर्ण अंग लोगों के लिए मकानों की सुविधाओं तथा विकास करना है। मकानों का विकास मानवीय साधनों के विकास का एक महत्त्वपूर्ण भाग है क्योंकि सुविधापूर्ण जीवन लोगों को उत्पत्ति का अच्छा साधन बनाता है। अल्पविकसित देशों में यह बहुत आवश्यक है कि गन्दी बस्तियों की सफाई के कार्यक्रम को उच्च प्राथमिकता दी जाये और श्रमिकों को रहने की स्वस्थ दशाएँ प्रदान की जाएं।
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- प्रश्न- आर्थिक विकास का आशय तथा परिभाषा कीजिए। आर्थिक विकास की प्रकृति व महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास की प्रकृति बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले कारको की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास को निर्धारित करने वाले आर्थिक तत्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के अनार्थिक तत्वों को समझाइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास पर मानवीय संसाधन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में बाधक हैं?
- प्रश्न- बढ़ती हुई जनसंख्या का आर्थिक विकास पर प्रभाव बताइए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास के मापक बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक विकास में संस्थाओं की भूमिका समझाइए।
- प्रश्न- किसी देश के आर्थिक विकास में विदेशी पूँजी की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि की गैर-आर्थिक बाधाएँ कौन-कौन सी हैं?
- प्रश्न- आर्थिक पिछड़ापन आर्थिक तथा अनार्थिक कारकों का परिणाम है। इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक विकास एवं विकास अन्तराल की माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- गरीबी अथवा निर्धनता के अर्थ को स्पष्ट कीजिए, भारत में गरीबी के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकसित एवं विकासशील देशों की आय एवं सम्पत्ति असमानता में अन्तराल के कारणों का स्पष्ट विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक की धारणा किन मान्यताओं पर आधारित है, तथा मानव विकास सूचकांक निर्माण करने के चरणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- गरीबी रेखा के निर्धारण का क्या महत्त्व है? तथा भारत में गरीबी रेखा के निर्धारण हेतु सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- प्रसरण प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सापेक्ष गरीबी बनाम निरपेक्ष गरीबी पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है? यह मानव विकास में कितने आयामों को मानता है?
- प्रश्न- भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किसने निर्मित किया? भौतिक जीवन कोटि निर्देशांक किन सूचकों द्वारा की जाती है?
- प्रश्न- "कोई देश इसलिए गरीब रहता है क्योंकि वह गरीब है। " स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनता के दुष्चक्र को तोड़ने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- गिनी गुणांक क्या है? गिनी गुणांक कैसे मापा जाता है?
- प्रश्न- गिनी गुणांक का महत्व क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- लॉरेंज वक्र क्या है?
- प्रश्न- वैश्विक भूख सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- लिंग सम्बन्धित विकास सूचक क्या है?
- प्रश्न- मानव निर्धनता सूचक क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खुशहाली सूचकांक क्या है?
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) की महत्वपूर्ण विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सतत् विकास की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आर्थर लुइस द्वारा प्रस्तुत असीमित श्रम आपूर्ति द्वारा आर्थिक विकास के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- प्रबल प्रयास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- नैल्सन का निम्नस्तरीय संतुलन अवरोध का सिद्धान्त की चित्रात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए तथा विकासशील देशों के सन्दर्भ में इसकी सीमाएं बताइए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- संतुलित विकास के विपक्ष में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दिये गये तर्कों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- असंतुलित विकास के सम्बन्ध में विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा परिलक्षित किये गये विचारों को प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित तथा असंतुलित विकास पद्धति में कौन बेहतर है?
- प्रश्न- हर्षमैन के असन्तुलित विकास सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए तथा विकासशील देशों के लिए इसकी उपयुक्तता का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- संतुलित एवं असंतुलित विकास की व्याख्या कीजिए। भारत जैसे विकासशील देश के लिए किस प्रकार का विकास अपेक्षित है?
- प्रश्न- असंतुलित विकास सिद्धान्त को समझाइये |
- प्रश्न- सन्तुलित विकास के सम्बन्ध में रोजेन्स्टीन रोडान के विचार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हर्षमैन द्वारा संतुलित विकास के विचार की किस प्रकार आलोचना की गयी है?
- प्रश्न- रोस्टोव की आर्थिक विकास की अवस्थाओं का वर्णन एवं आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- हैरोड तथा डोमर के विकास मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या करते हुए बताइए कि भारत जैसे अल्पविकसित देश में यह कहाँ तक लागू किया जा सकता है?
- प्रश्न- हैरोड द्वारा प्रस्तुत विकास दरों व समीकरण बताइए।
- प्रश्न- हैरोड के विकास मॉडल की आलोचनायें बताइए।
- प्रश्न- हैरोड का विकास मॉडल डोमर के विकास मॉडल से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- हैरोड के विकास प्रारूप का संक्षेप में परीक्षण कीजिए। भारत जैसे विकासशील देशों में यह कहाँ तक लागू होता है?
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यष्टि स्तर पर नियोजन समझाइए।
- प्रश्न- हैरोड - डोमर मॉडल में छुरी-धार सन्तुलन की परिकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत के जनसंख्या वृद्धि की बदलती हुई विशेषताओं पर एक नोट लिखिए।
- प्रश्न- जनांकिकी से क्या अभिप्राय है? जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या एवं पर्यावरण किस प्रकार एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित करते हैं? मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास में सहायक है अथवा बाधक।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जनसंख्या का आर्थिक विकास पर तथा आर्थिक विकास का जनसंख्या पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पर्यावरण क्या है? इसके कार्यों को स्पष्ट कीजिए?
- प्रश्न- जनसंख्या नीति 2000 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समावेशी विकास की आवधारणा या महत्व क्या है?
- प्रश्न- समावेशी विकास के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- समावेशी विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता के कारण बताइए।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ क्या है तथा इसके क्या कारण हैं?
- प्रश्न- सरकार की विफलता का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी क्या है? आर्थिक विकास में मानवीय पूँजी निर्माण की भूमिका एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "जनसंख्या राष्ट्र के लिये सम्पत्ति है और दायित्व भी।" इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण का क्या अर्थ है तथा मानवीय संसाधनों के विकास में क्या महत्व है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवीय पूँजी निर्माण की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानवीय साधनों में विनियोग कितने मदों में किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानव पूँजी निर्माण के उपायों पर चर्चा कीजिए।
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- प्रश्न- आर्थिक विकास से आपका क्या तात्पर्य है? किसी विकासशील (अल्पविकसित ) देश की क्या विशेषताएँ हैं?
- प्रश्न- भारत जैसे एक अल्पविकसित देश के प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए। भारत के अल्पविकसित होने के प्रमुख कारणों को बताइए।
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- प्रश्न- अल्पविकास के प्रमुख मापदण्ड़ों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अल्पविकास के कारणों को स्पष्ट कीजिये।
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- प्रश्न- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
- प्रश्न- आर्थिक संवृद्धि एवं आर्थिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिर्डल के चक्रीय कार्यकरण का सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विकास के फाई एवं रेनिस सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- फाई- रेनिस के सिद्धान्त को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- फाई-रेनिस सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रो. हिणिन्स द्वारा प्रतिपादित औद्योगिक द्वैतवाद सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- मिन्ट का वित्तीय दुहरेपन को दूर करने का विकास सिद्धान्त क्या है?
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- प्रश्न- सोलो के दीर्घकालीन वृद्धि मॉडल की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए [
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